गढ़वा जिले के मेराल थाना क्षेत्र के अरंगी गांव निवासी स्वर्गीय रामकुमार महतो के पुत्र बालमुकुंद महतो (70 वर्ष) की शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। यह घटना उस समय घटी जब बालमुकुंद महतो ट्रेन के इंजन की चपेट में आ गए।
मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, घर से निकलते थे अक्सर
मृतक के पुत्र प्रेमनाथ महतो ने बताया कि उनके पिता बालमुकुंद महतो पिछले कई वर्षों से मानसिक रूप से अस्वस्थ थे। 2010 से उनकी मानसिक स्थिति बिगड़ने के बाद से वह अक्सर घर से बिना बताए बाहर घूमने निकल जाते थे। हर बार परिवार के सदस्य उन्हें ढूंढकर वापस लाते थे, लेकिन शनिवार की सुबह जब बालमुकुंद महतो घर से घूमने के लिए निकले, तो यह उनकी आखिरी यात्रा साबित हुई।
ट्रेन की चपेट में आने से हुई मौत
घटना के दिन बालमुकुंद महतो रोजाना की तरह सुबह अपने घर से निकले थे। इसी दौरान वे रेलवे ट्रैक पर पहुंचे, जहां अचानक ट्रेन के इंजन की चपेट में आ गए। इंजन की टक्कर से उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही रेलवे पुलिस (जीआरपी) मौके पर पहुंची और शव की पहचान के बाद उनके परिजनों को सूचित किया।
परिजनों ने शव को घर लाया, पुलिस ने किया पोस्टमॉर्टम
जीआरपी से सूचना मिलते ही बालमुकुंद महतो के परिजन घटनास्थल पर पहुंचे और उनके शव को घर ले गए। बाद में, इस घटना की जानकारी मेराल पुलिस को भी दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को अपने कब्जे में लिया और अंत्य परीक्षण (पोस्टमॉर्टम) के लिए गढ़वा सदर अस्पताल भेज दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया।
इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है। बालमुकुंद महतो के निधन से परिवार और गांव के लोग गहरे सदमे में हैं।